Tuesday, May 12, 2009


होली का दिन और बाबा नामदेव सोनवाने दिलीप ने जिंदगी को पास से निहारा और बोले मेरे घर आना जिंदगी और फ़िर ना जाना जिंदगी हमेशा के लिए होली के दिन क्यो पागल हो जाते है लोग बाग या जिन्दा हो जाते है रंगों के साथ जिंदगी भी रंगीन हो जाती है फ़िर क्यो लोग रंगों से सम्बन्ध बनाते ?