
राम खिलावन चिंतन कर रहे
थे......................................
सूखी है सारी खेतिया ,जंगल उदास है
पानी बरस रहा है ,समन्दर के पास में
का करे राम खिलावन और का करे
सरकार ,जो भी हो ,फर्क नही
पड़ता ,बदलो को
बदल किसी सरकार के अधीन तो है नही ,की सेवाए समाप्त कर दी जायेगी ,या वेतन वृधि रोक दी जायेगी ,या फ़िर लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा ,जिला बद्दर कर दिया जाएगा ,विभागीय जाच बैठा दोगे ,क्या कर लोगे ,बलभद्र ,बोलो
बलभद्र शांत मुद्रा में बैठे रहे ,बिना कुछ चू चा किए ,उन्होंने इसी में अपनी भलाई समझी
राम खिलावन बोले शांत बैठो और बिना कुछ बोले इंतजार करो ,यदि कुछ चू चा करोंगे और ये बात मुख्विरो द्वारा इन्द्र देव तक पहुच गई तो लेने के देने पड़ जायेंगे बच्चू
अरे इसी लिए तो मरे हुए बैठे है देख नही रहे
बादल ,बदलियों के साथ टहल रहे है हीरो होंडा में, देखो तो कभी यहाँ तो कभी वहा ,पर नीचे बरसने का नाम नही ले रहे ,स्पीड तो देखो ,बादल तो आवारा पुराना है पर बदलियों को तो देखो कैसे चिपक कर सटी है और सटे सटे उडे जा रहे है जाने कहा जा कर ,बरसेंगे कुछ कहा नही जा सकता ,हम तो कभी इधर तो कभी उधर ही देखते रह जाते है,गर्दन घुमाये घुमाये के ससुरी दरद करने लगी है ,की कोई बादल हीरो होंडा में तो कोई सुजुकी में बदलियों को बैठाये इधर से उधर ,उधर से इधर घुमाये पड़ा है ,बरसने नही दे रहा है और न ही ख़ुद बरस रहा है ,तरस रहे है हम भइया टैप लोग
राम खिलावन बोले आज ,राम बक्स नही दिख रहे कहा है ,मंद बुध ?
अरे हम का जानी कहा है नोबल पुरुस्कार विजेता ?
राम खिलावन बोले सुनो बलभद्र ,सूखी है सारी खेतिया ओ जंगल उदास है ,इ बदरा के चक्कर माँ
सूखी .सूखा हुआ तो राहत कार्य तो होंगे ,काहे ,का कहत हो ?
राहत कार्य से राहत किसको मिलती है ?
राहत सुखा ग्रस्त लोंगो को कम ,गीला ग्रस्त लोंगो को भी मिलती है ,कल पटवारी यही तो कह रहा था ,मार्किट में साईकिल से उतर के ,की सुनो बलभद्र ,पानी बरसे ,न बरसे ,राहत कार्य की फ़ैल चलने को कुलबुला रही है ,बड़े बाबू की टेबल से ..................
अब देखो कित्ता टाइम लगे ,ये बात अलग है
जंगल उदास है ,शेर खान अब बचे नही तो जंगल में का मंगल होगा
हीरो होंडा ,जंगल की तरफ़ जा नही रही सो अलग की बादल .बदलियों को chipaka के उसी तरफ़ ले जाए और बरस जाए जो होगा देखा जाएगा कम से कम जंगल की उदासी तो कम हो ,शेर खान हो न हो जंगल की ............
तो कम हो
समन्दर के पास पानी बरस रहा तो क्या हुआ ?
बलभद्र ,क्या समन्दर में कुछ हो जाएगा ?
न हमने समन्दर देखा न पानी हम क्या कहे बलभद्र बोल कर राम खिलावन की तरफ़ niharne लगे
राम खिलावन बोले की भइया ,सूखा पड़ेगा तो सब dikhane लगेगा ,रत को क्या दिन में भी तारे dikhege
बिना soye dikhege बलभद्र बोले
सोना तो tab नसीब होगा जब पेट भरा होगा ,khali पेट sone की aadat dalo बलभद्र नही तो maroge ,aadat क्या daale marana ही तो है चाहे bhare पेट मरे या khali क्या फर्क पड़ता है
khali पेट में aatma bhatakti rahegi
to क्या bhare पेट में aatma को शान्ति मिल जायेगी ,bhatkegi नही ?
aatma का भोजन और पेट का कोई सम्बन्ध नही है ,aatma का भोजन kheto में नही ugta ,बलभद्र
वो तो कुछ और ही है राम खिलावन बोले तभी बदलो का एक jhund आया और बलभद्र सहित राम खिलावन को bhiga गया ..........................
moula megh दे पानी दे ..................पानी दे .............................
गाते हुए राम खिलावन और बलभद्र पानी में bhigane लगे