राम खिलावन पिछले कुछ दिनों से देश की तरह बेहाल थे कोई धनीधोरी नहीं था | बस यू ही जी रहे थे , जी इस लिए रहे थे की उन्हें मौत नहीं आ रही थी जिसका वे बेसब्री से इंतजार कर रहे थे | मन भर गया था उनका लो लो चप्पो से | हलाकान थे , परेशान थे रोज रोज अखबारों में छपी खबरों ने उन्हें सता रखा था | सोचते रहते थे की क्या हो गया है मेरे देश को देश को क्या देशवाशियो को ,फिर सोचने लगते की ये देश तो गौतम , गाँधी का है ये देश तो टैगोर ,भगत का है मेरा तो है ही नहीं क्या करू इसी उधेड़ बन में दिन गुजर रहे थे उनके .......|
बलभद्र आज का अखबार चबाये पडा था रामखिलावन ने एक खबर पठी की मुरैना में दाई ने पांच सौ रुपये नहीं दिए तो बच्चे को पटककर मार डाला , बच्चे का बाप रिपोर्ट करने के लिए इधर उधर भटकता रहा ,क्या हो गया है हमें हमारे समाज को पैसे के लिए कितने आतुर है हम , इस देश में गरीब होना गुनाह है गरीब के लिए रोज योजनाये बनाई जाती है जिनके लिए अखवारो में रोज लाखो के विज्ञापन प्रसारित होते है जन जन जाने गरीबो के लिए जारी की गयी योजनाये उनका लाभ ले वे सभी जो गरीब है ,हमने गरीबो की एक परिभाषा भी परिभाषित कर रखी है एक रेखा है उसके नीचे सब गरीब और उससे ऊपर के सब अमीर मतलब ऊपर अमीर नीचे गरीब |
जो नीचे होगा वो दबाया जायेगा या फिर दबा रहेगा ,कब तक दबा रहेगा जब तक उपर वालो का दबदबा रहेगा ऊपर वालो का दबदबा कब तक रहेगा जब तक नीचे वाले दबे रहेंगे कुल मिला के दबने दबाने का खेल है यह , ये और कुछ नहीं ऐसा कुछ कुछ रामखिलावन के दिमा ग में घुस रहा था दिमाग में हलचल मची हुयी थी रेलमपेल विचार आ जा रहे थे रामखिलावन के ,तनाव के कारण उनका तन तमतमा गया था ,अब दबना नहीं है दबाना है ऐसा क्रांतिकारी विचार उन्हें उकसाए जा रहा था वो धीरे धीरे उसक रहे थे तभी बलभद्र ने अखवार एक तरफ फेका और जोर से जम्हाई ली रामखिलावन ने मौके की नजाकत को देखा और अखवार की पुंगी बना कर बलभद्र के अधखुले मुह में डाल दी ,बलभद्र अचकचा गये ये ससुरा का है मुह खोलना भी गुनाह है रामखिलावन को समझते देर न लगी एक और गुनाह इस देश में है जिसकी व्याख्या भारतीय दंड सहिंता में नहीं है | गुनाह तो वही कहलायेगे जिनका जिक्र दंड सहिंता में होगा जिसके लिए कोई न कोई धारा उप धारा हो ,ऐसे तो कुछ भी कहते फिरो इनकम टैक्स थोड़े ही लगता है |
तो तय हुआ की गरीब होना देश में गुनाह नहीं है क्यों की दंड सहिंता में इस प्रकार का कोई उल्लेख नहीं है ...................