हम अपनी उर्जा कहा खर्च कर रहे है ,लगता है,तब जब सब ख़तम हो जाएगी तब पता चलेगा
अपने को सही और दूसरे को गलत साबित करने में हम क्यों हलाकान है ? हमसे कोई गलती होती ही नहीं है ,भैया गलती नहीं होती है तो फिर आदमी नहीं हो ,गलतिया आदमी से ही होती है भगवान से नहीं, हा भगवान हो तो कोई बात नहीं
हे परम ब्रम्ह की संतानों कभी सोचो तो हम आखिर कर क्या रहे है ,उचाइयो से क्यों निचाइयो की ओर अग्रसर है ,यदि मानव का जन्म मिला है तो निश्चय ही भले काम किये होंगे तभी मिला है नहीं तो कुछ और होते ,पता नहीं क्या ,बड भागन मानुष तन पावा , बड़े भाग्य से ये शरीर मिला है बड़ा कीमती है अमूल्य है ये जब जनते हुए भी हम क्यों बहक रहे है ,बाते ताड़ो की करते है और काम तिल का भी नहीं करते
समय गुजर रहा है और हम भी गुजर रहे है एक दिन गुजर जायेंगे लेकिन समय फिर भी गुजर रहा होगा लेकिन पता नहीं हम कहा गुजर रहे होंगे किस हाल में किस भेष में किस देह में या फिर कुछ और .............
चला चली की बेला कब आ जाये कुछ खबर नहीं, फिर भी, कोई तैयारी नहीं
किसी परीछा में बैठना हो तो तैयारी ,शादी की तैयारी तो खूब धूम धाम से करते है ,किसी यात्रा में जाना है तो तैयारी कोई घर आ रहा है तो तैयारी , सब तरफ तैयारी फिर क्यों हम लोग जाने की तैयारी क्यों नहीं करते ,शायद इस लिए की हमें मालूम है की हमें सदा सदा यही रहना है ,
मुबारक हो ,
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